Tuesday 14 June 2011

खालिद मंसूरी "हैरान" के लिए प्रार्थना और दुआ कीजिये कि उसकी मनोकामना पूर्ण हो






कहते
हैं "जादू वो जो सर चढ़ कर बोले"


एक नए नवेले और मंच पर आने के लिए अनेक दिनों से तरस रहे नौजवान

शायर खालिद मंसूरी "हैरान" ने कल सुबह फोन करके मुझे बताया कि वह

सूरत के पास वापी में रहता है और हिन्दी/उर्दू के काव्यमंच पर आने का सिर्फ़

एक अवसर चाहता है यदि उसकी परफोर्मेंस अच्छी न रही तो दोबारा कभी

निवेदन नहीं करेगा आदि आदि । मुझे उसकी बात में दम लगा । इसलिए मैंने

उसे बुला लिया और कल शाम ही मेरे मित्र और प्रखर साहित्यप्रेमी मुकेश

खोरडिया के सौजन्य से चन्द दोस्तों की निजी महफ़िल में उसे सुन भी लिया ।

वाकई कमाल की शायरी और प्रस्तुति थी उस शायर की।



मैं बहुत प्रभावित हुआ । बाकी सुनने वाले तो जैसे लट्टू ही हो गए । अब मैं इस

शायर को अभी और चमकाऊंगा तथा मंचीय गणित के अनुसार उसे

परफेक्ट परफोरमर बनाऊंगा । मुझे भरोसा है कि आने वाले दिनों में वह ख़ूब

नाम और धन कविता के मंच से कमाएगा ।




मैं चाहता हूँ कि आप सब मित्रजन भी खालिद मंसूरी "हैरान" के लिए प्रार्थना

और दुआ कीजिये कि उसकी मनोकामना पूर्ण हो । और एक बेहतरीन

शायरी का मस्त दौर आने वाले दिनों में हिन्दी कविता के मंचों पर देखने

को मिले ।


मुझे यह बताते हुए बड़ी ख़ुशी है पिछली पोस्ट में मैंने जो निवेदन किया था

उसका आशातीत प्रभाव देखने को मिल रहा है । लगातार इ मेल तथा फोन

द्वारा अनेकानेक नवोदित कवि/कवयित्रियों की प्रोफाइल व कवितायेँ

प्राप्त हो रही हैं और सभी ने इस मुहीम को ख़ूब सराहा है ।



मैं एक बार पुनः याद करा रहा हूँ कि रचनाकार द्वारा आगामी दिनों में

नवोदित कवियों तथा कवयित्रियों को मंच उपलब्ध कराने का कार्य किया

जा रहा है । अतः जिन रचनाकारों को ये लगता हो कि वे अपनी मंचीय

प्रस्तुति से श्रोताओं अथवा दर्शकों पर जादू कर सकते हैं...वे तुरन्त इसी

ब्लॉग कि पिछली पोस्ट देखें और ज़रूरी व्यवस्था करें ।



इस ब्लॉग पर आने वाली पोस्टों में बहुत उपयोगी सामग्री छपने वाली है

इसलिए वो ब्लोगर बन्धु/बान्धवी जो स्टेज पर आना चाहते हैं कृपया

तुरन्त इस ब्लॉग के अनुसरणकर्ता बन जाएँ ताकि प्रत्येक सूचना उन

तक पहुँचती रहे ।


धन्यवाद !

-अलबेला खत्री

संयोजक : रचनाकार

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1 comment:

lokesh said...

bhaut accha pryas..
shubhkamnaye
aakash Jaisalmeri