मंचीय काव्य प्रस्तुति, गायन, वादन और अभिनय इत्यादि क्षेत्रों में नवोदित प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें समुचित अवसर उपलब्ध करने के साथ साथ हिन्दी कवि, हिन्दी कविता एवं हिन्दी कवि-सम्मेलनों की समृद्धि तथा संरक्षा के लिए सतत समर्पित हास्यकवि/कलाकार व गीतकार अलबेला खत्री द्वारा संस्थापित व संचालित साहित्यिक संगठन 'रचनाकार साहित्य संस्थान' का हिन्दी ब्लॉग
Saturday 25 June 2011
हास्यकवि अलबेला खत्री का निवेदन - आपकी बधाइयाँ उर्मिला "उर्मि" को ऊर्जा भी देंगी और उत्साह भी
सूरत निवासी सुप्रसिद्ध कवयित्री उर्मिला 'उर्मि' का प्रथम काव्य -संकलन
" कुछ मासूम से पल " मुद्रित होकर आ गया है और इसका भव्य
लोकार्पण समारोह 10 जुलाई को रचनाकार साहित्य संस्थान द्वारा
आयोजित किया जा रहा है ।
समारोह में पानीपत के सुप्रसिद्ध कवि, प्रख्यात ब्लोगर और मेरे अभिन्न
मित्र योगेन्द्र मौदगिल का काव्य-पाठ विशेष रूप से कराया जा रहा है
यहाँ के लोग उन्हें और उनकी कविता के ख़ुशनुमा तेवर को जान सकें ।
चूँकि ये पहला संग्रह प्रकाशित हुआ है उर्मिला जी का इसलिए आप बधाई
दीजिये और उत्साह वर्धन कीजिये उनका...
आपकी शुभकामनाएं उन्हें बहुत उर्जा देंगी और "रचनाकार साहित्य
संस्थान" को ऐसे आयोजनों के लिए बल मिलेगा
धन्यवाद !
-अलबेला खत्री
संस्थापक अध्यक्ष
रचनाकार साहित्य संस्थान
Friday 24 June 2011
विशाखापत्तनम में हिन्दी का हास्यहंगामा कवि सम्मेलन एवं मुशायरा में स्वागत है नवोदित प्रतिभाओं का
आगामी 11 जुलाई की शाम विशाखापतनम में एक शानदार हास्य कवि
सम्मेलन व मुशायरा होने जा रहा है जिसमे देश के अनेक लोकप्रिय एवं
मौलिक कवि/कवयित्री और शायर अपनी प्रस्तुति देंगे
रचनाकार साहित्य संस्थान द्वारा संयोजित व हास्यकवि अलबेला खत्री के
रससिक्त मंच संचालन में लगभग चार घंटे तक चलने वाले इस ज़बरदस्त
काव्य-समारोह में यदि कोई नवोदित प्रतिभा अपनी प्रस्तुति देना चाहे तो
उसका स्वागत है ।
अवसर उसी को दिया जायेगा जो विशाखापत्तनम के नजदीक रहने वाला
हो और मौलिक कवि/कवयित्री हो । दूसरों की रचनाएं याद करके आने वाले
को मंच नहीं दिया जायेगा
विस्तृत सूचना अगली पोस्ट में फिर दी जाएगी
Wednesday 22 June 2011
पूजा भक्कड़ की कविता में कुछ नया है ....
जीवन जीने का एक शानदार अन्दाज़ मिला पूजा भक्कड़ की कविता में ।
मुझे अच्छा लगा ।
आप भी देखिये...शायद आपको भी अच्छा लगे ।
http://poojabhakkar.blogspot.com/2011/06/blog-post.html
-अलबेला खत्री
Tuesday 14 June 2011
खालिद मंसूरी "हैरान" के लिए प्रार्थना और दुआ कीजिये कि उसकी मनोकामना पूर्ण हो
कहते हैं "जादू वो जो सर चढ़ कर बोले"
एक नए नवेले और मंच पर आने के लिए अनेक दिनों से तरस रहे नौजवान
शायर खालिद मंसूरी "हैरान" ने कल सुबह फोन करके मुझे बताया कि वह
सूरत के पास वापी में रहता है और हिन्दी/उर्दू के काव्यमंच पर आने का सिर्फ़
एक अवसर चाहता है यदि उसकी परफोर्मेंस अच्छी न रही तो दोबारा कभी
निवेदन नहीं करेगा आदि आदि । मुझे उसकी बात में दम लगा । इसलिए मैंने
उसे बुला लिया और कल शाम ही मेरे मित्र और प्रखर साहित्यप्रेमी मुकेश
खोरडिया के सौजन्य से चन्द दोस्तों की निजी महफ़िल में उसे सुन भी लिया ।
वाकई कमाल की शायरी और प्रस्तुति थी उस शायर की।
मैं बहुत प्रभावित हुआ । बाकी सुनने वाले तो जैसे लट्टू ही हो गए । अब मैं इस
शायर को अभी और चमकाऊंगा तथा मंचीय गणित के अनुसार उसे
परफेक्ट परफोरमर बनाऊंगा । मुझे भरोसा है कि आने वाले दिनों में वह ख़ूब
नाम और धन कविता के मंच से कमाएगा ।
मैं चाहता हूँ कि आप सब मित्रजन भी खालिद मंसूरी "हैरान" के लिए प्रार्थना
और दुआ कीजिये कि उसकी मनोकामना पूर्ण हो । और एक बेहतरीन
शायरी का मस्त दौर आने वाले दिनों में हिन्दी कविता के मंचों पर देखने
को मिले ।
मुझे यह बताते हुए बड़ी ख़ुशी है पिछली पोस्ट में मैंने जो निवेदन किया था
उसका आशातीत प्रभाव देखने को मिल रहा है । लगातार इ मेल तथा फोन
द्वारा अनेकानेक नवोदित कवि/कवयित्रियों की प्रोफाइल व कवितायेँ
प्राप्त हो रही हैं और सभी ने इस मुहीम को ख़ूब सराहा है ।
मैं एक बार पुनः याद करा रहा हूँ कि रचनाकार द्वारा आगामी दिनों में
नवोदित कवियों तथा कवयित्रियों को मंच उपलब्ध कराने का कार्य किया
जा रहा है । अतः जिन रचनाकारों को ये लगता हो कि वे अपनी मंचीय
प्रस्तुति से श्रोताओं अथवा दर्शकों पर जादू कर सकते हैं...वे तुरन्त इसी
ब्लॉग कि पिछली पोस्ट देखें और ज़रूरी व्यवस्था करें ।
इस ब्लॉग पर आने वाली पोस्टों में बहुत उपयोगी सामग्री छपने वाली है
इसलिए वो ब्लोगर बन्धु/बान्धवी जो स्टेज पर आना चाहते हैं कृपया
तुरन्त इस ब्लॉग के अनुसरणकर्ता बन जाएँ ताकि प्रत्येक सूचना उन
तक पहुँचती रहे ।
धन्यवाद !
-अलबेला खत्री
संयोजक : रचनाकार
Monday 13 June 2011
नवोदित कवि/कवयित्री मंच पर आने के इस सुनहरे अवसर का लाभ प्राप्त करें
शब्द-संसार के समस्त सम्मान्य सृजन शिल्पियों को सादर स्मरण करते हुए
सहर्ष सूचित किया जाता है कि जुलाई व अगस्त महीने के दौरान दक्षिण
भारत के अनेक शहरों में हिन्दी हास्य कवि-सम्मेलन आयोजित हो रहे हैं ।
रचनाकार द्वारा प्रस्तुत इन कवि-सम्मेलनों में यों तो देश भर के प्रख्यात कवि/
कवयित्री अपनी प्रस्तुति देंगे परन्तु मैं चाहता हूँ कि इन कार्यक्रमों में कम से
कम एक और अधिक से अधिक दो नवोदित कवि/कवयित्री भी अपनी प्रस्तुति
दे कर अपनी कला को जनता तक पहुंचाएं ।
यदि कोई नवोदित रचनाकार इच्छुक हो और उसे विश्वास हो कि वह मंच
पर मनोरंजन से भरपूर जमाऊ प्रस्तुति दे सकता है या दे सकती है तो तुरन्त
अपना संक्षिप्त परिचय , सम्पर्क सूत्र और दो कवितायें मुझ तक पहुंचाने
का श्रम करें । मेरा इ मेल पता है : rachnakaar@gmail.com तथा
albelakhatri.com@gmail.com
नियम व शर्तें याद रखें :
# वही कवि/कवयित्री इसमें शामिल हों जिन्हें माइक पर बोलने में असुविधा न हो
# कवितायें मौलिक होना ज़रूरी हैं । सुनी-सुनाई, चुराई हुई रचनाएं नहीं चलेंगी
# गीत, ग़ज़ल, हास्य कविता सब चलेंगे परन्तु उनमे रोचकता होना ज़रूरी है
# कवि/कवयित्री को आयोजन के नगर/क़स्बे में अकेले ही आना होगा क्योंकि
कवि-सम्मेलन आयोजकों द्वारा की जाने वाली व्यवस्थाएं सीमित होती हैं
# दक्षिण भारत में रहने वालों को प्राथमिकता दी जायेगी ।
# कवि/कवयित्री 20 वर्ष से कम न हो
# प्रत्येक प्रस्तुति के लिए मानधन अथवा पारिश्रमिक के रूप में अधिकतम
रूपये पाँच हज़ार दिए जायेंगे
# प्रथम प्रस्तुति में प्रशंसा प्राप्त करने वालों को ही अगली बार अवसर मिलेगा
यदि आप सोचते हैं कि ये एक अच्छा अवसर है अपनी कला दिखाने, देश के
नामी-गिरामी काव्यकारों के साथ मंच पर प्रस्तुत होने का तो तुरन्त अपना
सन्देश भिजवा दें
हार्दिक शुभकामनाओं सहित,
-अलबेला खत्री
संयोजक : रचनाकार
Sunday 12 June 2011
अहमदाबाद के राइफल क्लब में चार दिनों तक धूम मचाई हास्यकवि अरुण जैमिनी, अलबेला खत्री, महेन्द्र अजनबी, मदन मोहन समर और अजातशत्रु ने........
लगातार यात्राओं में रहने वाले हास्यकवियों को जब एक ही शहर में कई
प्रोग्राम करने का संयोग प्राप्त होता है तो इसके कई सुखद परिणाम निकलते
हैं . एक तो यह कि कवि को पूरी नींद मिल जाती है जो आमतौर पर नहीं मिला
करती, दूसरे उस शहर में घूमने - फिरने का अवसर मिल जाता है, तीसरे
लिखने-पढने को समय मिल जाता है, चौथे उनके घर वालों ( अथवा उनकी
घर वाली ) को भी निश्चिन्तता हो जाती है कि अपना बन्दा फलां जगह है
लेकिन सबसे महत्वपूर्ण लाभ ये होता है कवियों को कि कई दिन तक साथ
रहने से परस्पर इक-दूजे को जानने और समझने का भरपूर मौका मिल
जाता है . वरना तो कवियों की आपस में hay -hello से ज़्यादा बात आपस में
कहाँ हो पाती है क्योंकि सभी को कवि-सम्मेलन के पहले तो अपने आराम
की और बाद में अपनी अपनी वापसी यात्रा की फिक्र होती है .
अहमदाबाद के अनुभूति कल्चरल ग्रुप द्वारा आयोजित और रचनाकार
के लिए अलबेला खत्री द्वारा संयोजित चार दिवसीय कवि-सम्मेलनों में
दिल्ली के हास्यकवि अरुण जैमिनी, महेन्द्र अजनबी, भोपाल के ओजस्वी
कवि मदन मोहन समर, उदयपुर के अजात शत्रु और सूरत के अलबेला खत्री
ने जब राइफल क्लब में अपनी प्रस्तुतियां दीं तो दर्शकों ने तो आनंद लिया
ही, कवियों ने भी खूब एन्जॉय किया .
अरुण जैमिनी और महेन्द्र अजनबी ने तो यहाँ तक कह दिया कि यार !
ऐसा तो कलकत्ता में भी नहीं होता . उन्होंने ऐसा इसलिए कहा कि कवियों
के रहने का इन्तज़ाम भी वहीँ था और मंच भी वहीँ था . जब लगने लगे
कि दर्शक आगये हैं और कवि-सम्मेलन शुरू करना चाहिए तो निकल
जाओ कमरे से बाहर और पहुँच जाओ एक ही मिनट में मंच पर. उसके
पहले चाहे जितना स्वीमिंग पूल में स्वीमिंग करते रहो, गार्डन में घूमते
रहो, टेनिस खेलते रहो या जो कवि वहां मौजूद नहीं हैं उनकी निन्दा का
मज़ा लेते रहो.
असली बात ये है कि रचनाकार प्रस्तुत इन चारों कवि-सम्मेलनों में सभी
कवियों को खूब और बहुत खूब सराहा गया तथा अनुभूति के 20,000 से
भी ज़्यादा सदस्यों ने रोज़ाना चार-चार घंटे तक कविता का आनन्द लिया .
कुल मिला कर ये कह सकते हैं कि हिन्दी कवियों ने गुजरात में धूम मचा
दी .
चूँकि सभी आमंत्रित कवियों ने मुझे पूर्ण सहयोग दिया और कार्यक्रमों को
अद्वितीय सफलता प्रदान की इसलिए मैं सबका आभारी हूँ और साथ ही
अनुभूति कल्चरल ग्रुप के संचालक राजूभाई शाह तथा चेतन गाँधी का
भी मैं शुक्रगुज़ार हूँ कि पिछले 18 वर्षों से लगातार वे मुझे इस काम की
ज़िम्मेदारी सौंपे हुए हैं . अनुभूति का यह रजत जयन्ती वर्ष था अर्थात 25
वर्ष साहित्य और संस्कृति की सेवा में ...........बधाई राजू भाई !
-अलबेला खत्री
Thursday 9 June 2011
नवोदित कवियों/कवयित्रियों के लिए मंच पर आने का सुनहरा अवसर
हिन्दी
एवं समस्त हिन्दुस्तानी भाषाओं के कवियों, कवयित्रियों, मंचीय कलाकारों
और काव्य-प्रेमियों को अलबेला खत्री का सादर नमस्कार .
साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था रचनाकार ( स्थापना 1998 ) द्वारा
कवि-सम्मेलनों, हास्य कवि-सम्मेलनों, मुशायरों व एकल काव्य प्रस्तुति
के तमाम आयोजकों, संयोजकों व समन्वयकों के लिए श्रेष्ठतम रचनाकारों
की उपलब्धि तथा उदीयमान प्रतिभाओं को मंच व अन्य अवसर प्रदान करने
के लिए जुलाई 2011 से एक विशेष अभियान आरम्भ किया जा रहा है .
मेरा विनम्र निवेदन है सभी मेरे पुराने कवि मित्रों से और साथ ही
नवोदित रचनाकारों से जो कि मंच पर सफल प्रस्तुति के लिए सामर्थ्य
रखते हैं, कृपया अपना फोटो, वीडियो, संक्षिप्त परिचय इत्यादि तुरन्त
रचनाकार को उपलब्ध कराएं इस इ मेल पते पर :
rachnakaar@gmail.com
जो ब्लोगर बन्धु मंच पर आने के लिए तैयार हों वे कृपया इस ब्लॉग के
अनुसरणकर्ता बन जाएँ ताकि इस ब्लॉग पर प्रकाशित तमाम सूचनाएं
उन तक पहुँच सकें .
यह ब्लॉग हिन्दी काव्य मंचों के प्रचार प्रसार और कवियों की
काव्य यात्राओं के अलावा उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं से लोगों को
परिचित करने के लिए शुरू किया गया है . आशा है आपको पसंद आएगा .
शेष फिर...........
-अलबेला खत्री
संयोजक : रचनाकार
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